पराली अथवा अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाने पर होगी कड़ी कार्यवाही

 जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती ने कहा कि खेतों में पराली जलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदण्ड के साथ ही वैधानिक कार्यवाही भी की जायेगी ।उन्होंने कहा कि पराली अथवा अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाये जाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की रोक-थाम एवं उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध शासन स्तर पर कड़े निर्देश निर्गत किये गये हैं। जिसके अनुसार फसल अवशेष जलाये जाने पर पॉच हजार रूपये से पन्द्रह हजार रूपये तक अर्थदण्ड लगाये जाने तथा पुनरावृत्ति होने पर एफ0आई0आर0 भी दर्ज कराये जाने का प्राविधान किया गया है।उन्होंने बताया कि जनपद में अभी तक पराली/अन्य कृषि अपशिष्टों की जलाने की घटना को घटित करने वाले 14 व्यक्तियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि आरोपित की गयी है तथा 06 अज्ञात के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है।जिलाधिकारी ने कहा कि फसल का अवशेष जलाने पर रासायनिक क्रियाओं से पर्यावरण को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचने के साथ ही मानव जीवन भी अस्त-व्यस्त हो रहा है। अतः कोई भी पराली अथवा फसल के अवशेष न जलायें, बल्कि आप-पास में संचालित गोशालाओं में बेसहारा/निराश्रित गोवंशों हेतु उसे दान के रूप में प्राप्त करा दें। पराली/अन्य कृषि अपशिष्टों को खेत में जलाने के कारण जहां खेत की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है, वहीं इसके जलाये जाने से पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। उन्होंने आदेशों का अनुपाल न करने वालों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही किये जाने के साथ ही क्षेत्रीय लेखपाल/ग्राम पंचायत अधिकारियों का भी उत्तदायित्व निर्धारित किये जाने के निर्देश दिये।